Corona Update : गुजरात में घर वापसी की मांग के साथ सड़क पर उतरे सैंकड़ों श्रमिक,पुलिस पर किया पथराव, प्रशासन को करना पड़ा बल प्रयोग
गुजरात के सूरत, कडोदरा बारडोली और पलसाणा में सैंकड़ों श्रमिक अपने-अपने घर जाने की मांग के साथ सड़क पर उतर गए। लेकिन इनके जाने के लिए न तो बस और न ही रेलगाड़ी की व्यवस्था हो पाई थी। अपनी इसी मांग को लेकर सैंकड़ों मजदूरों ने न सिर्फ हंगामा किया,बल्कि पुलिस प्रशासन पर पथराव भी किया। बेकाबू होते मजदूरों पर पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।
पूरा देश कोरोना वायरस महामारी की चपेट में है। कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना मरीजों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन अभी भी लोग इस प्रणघातक वायरस से पंगा लेने पर उतारू हैं। सरकार की लाख मिन्नतों के बाद भी लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को घर जाने की जल्दी है। गुजरात के सूरत में एक बार फिर प्रवासी मजदूरों ने घर वापसी की मांग को लेकर हंगामा किया।
गुजरात के सूरत, कडोदरा बारडोली और पलसाणा में एक हजार से ज्यादा श्रमिक अपने-अपने घर जाने की मांग के साथ सड़क पर उतर गए। लेकिन इनके जाने के लिए न तो बस और न ही रेलगाड़ी की व्यवस्था हो पाई थी। घटना की सूचना मिलते ही उच्च अधिकारियों का काफिला आ पहुंचा। पुलिस ने श्रमिकों को काफी समझाने का प्रयास, लेकिन वे अपने प्रदेश जाने की मांग पर अड़े रहे। श्रमिकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
दरअसल, राज्य सरकार की ओर से अन्य राज्यों के श्रमिकों को उनके प्रदेश भेजने के लिए विशेष रेलगाड़ियों की व्यवस्था की जा रही है। श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन से भेजा भी जा रहा है। लेकिन श्रमिकों की संख्या अधिक होने से गाड़ियों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। अपनी इसी मांग को लेकर सैंकड़ों मजदूरों ने न सिर्फ हंगामा किया,बल्कि पुलिस प्रशासन पर पथराव भी किया। बेकाबू होते मजदूरों पर पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले भी दागे।
इससे पहले खाजोड़ में तैयार की जा रही एशिया की सबसे बड़ी डायमंड बोर्स में 28 अप्रैल को काम कर रहे मजदूरों ने जमकर हंगामा किया था। लॉकडाउन के बावजूद काम लिए जाने से मजदूरों में नाराज हैं। मजदूरों ने बोर्स के कार्यालय पर पथराव और तोड़फोड़ कर दी थी। मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाना नहीं मिल पा रहा है। वे घर भेजे जाने की मांग कर रहे थे। यहां डायमंड बोर्स में करीब 4 हजार मजदूर काम कर रहे हैं।
आपको बताते चलें कि दक्षिण गुजरात के सूरत, वापी, भरूच सहित सौराष्ट्र और अहमदाबाद में भी अन्य प्रांतों के लोग रोजी-रोटी के लिए आते हैं। यहां के कपड़ा, डायमंड, रोलिग मिल, कैमिकल सहित कई उद्योगों में बाहर से आए श्रमिक काम करते हैं। दक्षिण गुजरात के सूरत शहर में अब एम्ब्रोयडरी क्षेत्र में भी लाखों मजदूर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। हालांकि देश में कोरोना वायरस के कारण शुरू हुए लॉकडाउन के कारण श्रमिक बेकार हो गए हैं। इनकी आर्थिक हालत भी खराब हो गई है।
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