Corona Update : कोरोना संकट के बीच केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को झटका,केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाने पर लगाई रोक, लाखों कर्मचारी होंगे प्रभावित
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना संकट के बीच केंद्रीय कर्मचारियों बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक संकट की वजह से ये फैसला लिया गया है। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों और वेतनभोगियों पर लागू होगा।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना संकट के बीच केंद्रीय कर्मचारियों बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुए आर्थिक संकट की वजह से ये फैसला लिया गया है। यह आदेश केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों और वेतनभोगियों पर लागू होगा।
सरकार के इस निर्णय के तहत 1 जनवरी 2020 उसके बाद 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से बढ़ने वाले महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि आगे चलकर ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता एरियर के तौर पर भी नहीं मिलेगा। इस बात के संकेत पहले से ही मिलने लगे थे कि इस बार कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ते के बढ़ने का फायदा नहीं दिया जाएगा।
दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी का एलान किया था और कर्मचारियों का डीए 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया था। लेकिन अब ये बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिल सकेगा।
बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का असर केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनधारकों के ऊपर पड़ेगा। इसका मतलब है कि करीब 1.1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनर्स के ऊपर इस फैसले का असर देखा जाएगा।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुए अपने खर्चों में कटौती करनी शुरू कर दी है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते की नई किस्तों पर एक जुलाई 2021 तक के लिए रोक लगा दी है। इस कदम से सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी।
आपको बताते चसें कि राज्य सरकारें भी केंद्र सरकार के फैसले को आमतौर पर दोहराती हैं। अगर राज्य सरकारें भी इस अवधि के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभागियों की महंगाई राहत की तीन किस्तों का भुगतान नहीं करती हैं,तो उन्हें भी 82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी। कुल मिलाकर केंद्र और राज्यों के स्तर पर इससे 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी।
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