बिहार: अब विधानसभा की तर्ज पर पंचायतों में होंगे सवाल-जवाब, प्रतिनिधियों को लिखित उत्तर देंगे कार्यपालक पदाधिकारी; जानें प्रक्रिया
लोकसभा में सांसद और विधानसभा में विधायक जिस तरह से सवाल करते हैं और संबंधित सरकार उसका उत्तर देती है, इसी तर्ज पर व्यवस्था सूबे की त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में भी लागू होगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। जल्द ही इसको लेकर आदेश जारी किया जाएगा। ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों को पंचायत की होने वाली बैठकों में उनके सवालों का जवाब दिया जाएगा।
लोकसभा में सांसद और विधानसभा में विधायक जिस तरह से सवाल करते हैं और संबंधित सरकार उसका उत्तर देती है, इसी तर्ज पर व्यवस्था सूबे की त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में भी लागू होगी। इसको लेकर पंचायती राज विभाग विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है। जल्द ही इसको लेकर आदेश जारी किया जाएगा। ग्राम पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों को पंचायत की होने वाली बैठकों में उनके सवालों का जवाब दिया जाएगा।
पंचायती राज के माध्यम से चल रही योजनाओं के संबंध में प्रतिनिधि सवाल करेंगे, जिसका लिखित में उत्तर उन्हें दिया जाएगा। पंचायत के प्रतिनिधि यह जान सकेंगे कि उनके यहां चल रही योजनाओं की क्या स्थिति है? अगर कोई लंबित योजना है तो उसके बारे में भी वे जान सकेंगे। इससे पदाधिकारियों पर कार्य को समय पर हर हाल में पूरा करने का एक दबाव भी बनेगा। इस पर भी विचार किया जा रहा है कि पंचायती राज के अलावा अन्य विभागों के खास विषय पर प्रतिनिधि सवाल करें। बाद के चरणों में इस पर निर्णय लेकर आदेश जारी होगा। शुरुआत में पंचायती राज विभाग से संबंधित सवाल ही लिये जाएंगे।
बैठक के दस दिन पहले देना होगा सवाल
निर्धारित बैठक के करीब दस दिन पहले प्रतिनिधियों को अपना सवाल दे देना होगा। ताकि बैठक के दिन तक उनके सवालों का जवाब संबंधित पदाधिकारी तैयार कर सकें। प्रतिनिधियों के सवाल तैयार कराने की जिम्मेदारी संबंधित मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक पदाधिकारी और पंचायत सचिवों की होगी। जिला परिषद अध्यक्ष, प्रखंड प्रमुख और मुखिया पदाधिकारियों से सवालों का जवाब तैयार कराएंगे।
तीन स्तरों पर होती हैं बैठकें
त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत मुख्य रूप से तीन स्तरों पर बैठकें होती हैं। इन बैठकों में ही निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के सवालों के जवाब दिये जाएंगे। जिला परिषद की बैठक इनके अध्यक्ष की अध्यक्षता में होती है। इसमें जिले के संबंधित जिला परिषद सदस्य सवाल करेंगे। इसी प्रकार पंचायत समिति सदस्यों के सवालों का जवाब प्रखंड प्रमुख की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में दिया जाएगा। वहीं, ग्राम पंचायत की बैठकें मुखिया की अध्यक्षता में होती हैं। वार्ड सदस्यों के सवालों का उत्तर इस बैठक में मिलेगा।
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, 'लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर जिला परिषद सदस्य, पंचायती समिति सदस्य और वार्ड सदस्य भी सरकार की योजनाओं और कार्यों से संबंधित सवाल कर सकेंगे। पंचायत की बैठकों में उनके सवालों का उत्तर दिया जाएगा। इससे पंचयाती राज व्यवस्था और सशक्त होगी। कौन-कौन विषय से संबंधित सवाल किये जाएंगे, इसको लेकर विभाग दिशा-निर्देश जारी करेगा।'
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