आयकर चोरों की अब खैर नहीं, विभाग बना रहा है सबकी सूची

आयकर विभाग ने कर्जदारों के सारे बैंक खातों और संपत्तियों की सूची बैंकों से साझा करने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे जानबूझकर कर्ज न चुकाना आपको महंगा पड़ सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को कर्ज न चुकाने वाले ऐसे डिफॉल्टरों की संपत्तियों और खातों का ब्योरा बैंकों से साझा करने को कहा है।

आयकर चोरों की अब खैर नहीं, विभाग बना रहा है सबकी सूची
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आयकर चोरों की अब खैर नहीं, विभाग बना रहा है सबकी सूची

अगर आपने आयकर नहीं दिया है, तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। किसी बैंक से लोन लेकर आपने चुकाया नहीं है, तो आपकी खैर नहीं।  बिना देर किए आपको आयकर और लोन जमा कर देनी चाहिए। आपने ऐसा नहीं किया, तो आपको इसका खामिजा भुगतना पड़ सकता है। आप पर आयकर विभाग की पैनी नजर है। आयकर विभाग ने आपकी सूची बनाना शुरु कर दिया है।

आयकर विभाग ने कर्जदारों के सारे बैंक खातों और संपत्तियों की सूची बैंकों से साझा करने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे जानबूझकर कर्ज न चुकाना आपको महंगा पड़ सकता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को कर्ज न चुकाने वाले ऐसे डिफॉल्टरों की संपत्तियों और खातों का ब्योरा बैंकों से साझा करने को कहा है। 

वास्तव में सरकारी बैंकों ने कर्ज न चुकाने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस बारे में सीबीडीटी से आग्रह किया था। इस कदम का मकसद ऐसे कर्जदारों पर शिकंजा कसना और उनसे जनता के पैसे की वसूली करना है। सीबीडीटी के नए आदेश के अनुसार आयकर विभाग किसी आयकरदाता के आयकर रिटर्न (आईटीआर) से यह ब्योरा निकालेगा। 

आयकर विभाग के लिए नीतियां बनाने वाले सीबीडीटी ने अपने सभी फील्ड कार्यालयों को इस बारे में निर्देश दिया। सीबीडीटी ने कहा है कि उसे सरकारी बैंकों की ओर से कर्ज न चुकाकर बच रहे कर्जदारों की ऐसी संपत्तियों और बैंक खातों की सूचना देने के आग्रह मिले हैं। लिहाजा, बैंकों से ऐसे डिफॉल्टरों की अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा है, जिससे वसूली आगे बढ़ाई जा सके। 

सीबीडीटी का मानना है कि कर्ज चूककर्ताओं की संपत्तियों का ब्योरा सरकारी बैंकों को साझा किया जाना चाहिए ताकि वे उनसे कर्ज की वसूली कर सकें। बैंकों का फंसा कर्ज कुल बांटे गए लोन का दस फीसदी है। ऐसे कर्जदारों के बैंक खातों, गारंटरों और गिरवी रखी संपत्तियों का ब्योरा साझा किया जाए। सूचना साझा करने से पहले ऐसे कर्ज चूककर्ताओं के बकाया टैक्स का भी ध्यान रखा जाएगा। डिफॉल्टर की चल या अचल संपत्ति की बिक्री से प्राप्त रकम के इस्तेमाल से पहले बैंक आयकर अधिकारी से एनओसी लेंगे।