Omicron के बढ़ते संक्रमण को नहीं रोक सकते, केरल के कोविड एक्सपर्ट कमेटी के डॉक्टर ने खड़े किये हाथ

कोरोना वायरस के Omicron वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है। केरल में कोविड-19 संक्रमण को लेकर बनी विशेषज्ञों की एक कमेटी के चिकित्सक ने यह बात कही है। कमेटी में शामिल डॉक्टर डीएस अनिस ने यह भी बताया कि नए वेरिएंट के केस हर दो दिन में डबल हो जा रहे हैं।

Omicron के बढ़ते संक्रमण को नहीं रोक सकते, केरल के कोविड एक्सपर्ट कमेटी के डॉक्टर ने खड़े किये हाथ

कोरोना वायरस के Omicron वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को रोका नहीं जा सकता है। केरल में कोविड-19 संक्रमण को लेकर बनी विशेषज्ञों की एक कमेटी के चिकित्सक ने यह बात कही है। कमेटी में शामिल डॉक्टर डीएस अनिस ने यह भी बताया कि नए वेरिएंट के केस हर दो दिन में डबल हो जा रहे हैं।

देश के पास 1 महीने का समय: न्यूज एजेंसी 'ANI' से बातचीत में डॉक्टर अनिस ने कहा, 'ग्लोबल ट्रेंड से यह पता चलता है कि 2-3 हफ्तों में ओमिक्रॉन के केस 1000 तक पहुंच जा रहे हैं और हो सकता है कि 2 महीने में 1 मिलियन पहुंच जाए। भारत में इस संक्रमण के विस्फोट को रोकने के लिए हमारे पास एक महीने से ज्यादा का वक्त नहीं है। हमें इसे रोकना होगा।' उन्होंने यह भी कहा कि देश में ज्यादातर केस प्रवासियों से संबंधित हैं। 

..वरना हाथ से निकल जाएंगे हालात: कमेटी के डॉक्टर ने चेताते हुए कहा, 'हम भारत में संक्रमण को फैलने से नहीं रोक सकते। हमारे पास अपने सिस्टम को फिर से सक्रिय करने के लिए 1 महीने का समय है। ताकि हालात हमारे साथ से निकल जाएं।' उन्होंने कहा कि अगर हम अपने सिस्टम का इस्तेमाल समय पर करते हैं तो भी भारत जैसे देश में ओमिक्रॉन के संक्रमण के बढ़ने की आशंका काफी प्रबल है। बता दें कि केरल में अब तक ओमिक्रॉन के 35 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट ने केंद्र तथा विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकार को चिंता में डाल रखा है। अब तक देश के 15 से ज्यादा राज्यों में इस वेरिएंट के केस मिले हैं। कई राज्यों में ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे को देखते हुए पाबंदियों की वापसी भी होने लगी है। केंद्र सरकार ने देश में लोगों को बूस्टर डोज दिये जाने को लेकर मंथन भी शुरू किया है। Translational Health Science and Technology Institute को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वो बूस्टर डोज दिये जाने को लेकर अध्ययन करे। इसके तहत शुरुआती तौर पर करीब 3000 लोगों को बूस्टर डोज देकर यह रिसर्च किया जाएगा कि देश में लोगों को अतिरिक्त वैक्सीन की जरुरत है या नहीं।